ट्रेन में क़त्ल - भाग 1 | हिंदी साइंस फिक्शन सस्पेंस स्टोरी



 

ईस्टर्न नाइटिंगेल रेलवे स्टेशन।

नाइटिंगेल शहर के सबसे प्रमुख और व्यस्त स्टेशनों में से एक 12 प्लेटफॉर्म वाले इस स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 3 पर इस समय काफी संख्या में लोग मौजूद थे और आने वाली ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे थे। ट्रेनों की स्थिति संबंधी सूचनाएं लगातार प्रसारित की जा रही थी। तभी उद्घोषक द्वारा क्लिंगस्टन मोर्ग्यूराटी एक्सप्रेस (के.एम एक्सप्रेस) के प्लेटफॉर्म संख्या 3 पर आने की सूचना प्रसारित की गई। यह ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित केबिन वाली ट्रेन थी जो थंडरड्राईल सिटी से नाइटिंगेल सिटी आती थी और यहां से रुबियस सप्लाई बेस होते हुए विक्टोरिया बीच सिटी तक जाती थी। यह ट्रेन ईस्टर्न नाइटिंगेल स्टेशन से खुलने के बाद 4 घंटे का सफर करके रुबियस सप्लाई बेस पहुंचती थी और उसके बाद सीधे 3 दिन का सफर तय करके बीच सिटी पहुंचती थी।

के.एम एक्सप्रेस के तय प्लेटफॉर्म में पहुंचते ही उसमें यात्री सवार होने लगे। भीड़ में एक आदमी भी शामिल था जो उस ट्रेन में चढ़ रहा था। उसने एक काले रंग की हैट और एक काला ओवरकोट पहन रखा था। उसके मुंह पर एक डस्ट मास्क लगा था जो उसके नाक और मुंह को ढंके हुए था और एक बड़ा ट्रैवेल बैग जो भूरे रंग का था, उसके पास था। उसने ट्रेन में चढ़ने से पहले इधर-उधर देखा और जल्दी से अंदर चला गया।

प्लेटफॉर्म पर आने वाली सीढ़ी पर खड़े एक व्यक्ति ने अपनी जेब से एक यंत्र निकाला जो काफी हद तक मोबाइल फोन की तरह लगता था। उसने उस यंत्र में लगे कुछ बटनों को दबाया और उस यंत्र में से प्रकाश किरणें निकलकर एक चेहरे का आकार लेने लगी। उस चेहरे के आकार में आते ही उस व्यक्ति ने कहा - "सर, पैकेज ट्रेन में चढ़ गया है।"

"ठीक है। उस पैकेज का जल्द ही निपटारा हो जाएगा।" - उस चेहरे ने कहा और कनेक्शन कट गया।

के.एम एक्सप्रेस के खुलने का समय हो चला था। ट्रेन को सिग्नल दिया जा चुका था और ट्रेन खुलने ही वाली थी कि तीन युवतियों और चार युवकों का एक समूह दौड़ते हुए आया और ट्रेन में चढ़ गया।

ट्रेन अब प्लेटफॉर्म से निकलकर सेपरेशन एरिया में आ चुकी थी जहां से वो अपनी मंजिल की ओर रवाना हो गयी।

क्लिंगस्टन मोर्ग्यूराटी एक्सप्रेस रईस लोगों की एक्सप्रेस मानी जाती थी। इसमें A श्रेणी के कोच में एक केबिन में केवल 1 व्यक्ति के ठहरने की व्यवस्था थी और B श्रेणी के एक केबिन में 2 लोगों के ठहरने की व्यवस्था थी। जिस तरह से पुराने समय में जब लोग पृथ्वी पर रहते थे उस समय हवाई जहाजों में एयर होस्टेस होती थी उसी तरह से इस एक्सप्रेस में भी ट्रेन होस्टेस थीं जो प्रत्येक केबिन के यात्रियों को उनकी जलपान के सामान उपलब्ध करवा रही थी। साथ ही किसी होटल के रूम सर्विस के जैसी सुविधा भी इस एक्सप्रेस में थी।

ट्रेन होस्टेस(परिचारिका) ने A श्रेणी के 8वें कोच के 15वें केबिन (केबिन 15-8-A) की सर्विस बेल बजाई। अंदर से एक मर्दाना आवाज ने बेल बजाने वाले का परिचय जानना चाहा। "सर आपका रिफ्रेशमेंट आर्डर" - परिचारिका ने शालीनता से जवाब दिया। उस व्यक्ति ने केबिन का दरवाजा खोला और नाश्ता ले लिया। यह वही ओवरकोट वाला व्यक्ति था जो ट्रेन में चढ़ा था। "सर... ये हमारे मेल सेक्शन में आपके लिए छोड़ा गया था" - परिचारिका ने एक लिफाफा उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा। " उस आदमी ने वह लिफाफा ले लिया और दरवाजा बंद कर लिया।

लिफाफा साधारण सा था पर उसे भेजने वाले के बारे में उसमें कुछ नहीं लिखा था। उसपर बस पाने वाले के बारे में ही लिखा था। उस ओवरकोट वाले आदमी ने डरते हुए उस लिफाफे को खोला और जो उस लिफाफे से बाहर निकला उसने उस आदमी को सदमे में डाल दिया। उसके अंदर एक लिस्ट थी और एक खत भी था। खत में लिखा था - " मैंने तुमको चेतावनी दी थी कि मेरे इस फोन कॉल के बारे में किसी को भी नहीं बताना और ना ही शहर छोड़ने की कोशिश करना वरना तुम्हारे सभी चाहने वाले एक एक करके मौत के घाट उतार दिए जाएंगे। पर तुमने मेरी बात नहीं मानी और ना केवल खुद शहर छोड़ कर जा रहे हो बल्कि अपने साथ अपने पूरे खानदान को भी ले जा रहे हो। यह तो सरासर गलत बात है। मैंने तुमसे ऐसा करने को तो नहीं कहा था पर अब जब तुमने गलती कर ही दी है तो सजा भी भुगतोगे। मैंने एक लिस्ट भेजी है साथ में। इस लिस्ट में तुम्हारे सभी जान पहचान वाले जो इस ट्रेन में सफर कर रहे हैं उनके केबिन नंबर लिखे हैंअब देखना शुरू होगा मौत का असली खेल। इस लिस्ट में जितने भी आदमी है सब मरेंगे और वह भी ट्रेन के आखिरी पड़ाव पर पहुंचने से पहले ही और इन सब के जिम्मेदार सिर्फ तुम होगे। तुम भी मरोगे पर सबसे आखिर में क्योंकि मैं तुम्हें तड़पता हुआ देखना चाहती हूं। शुभ रात्रि मिस्टर जेकब, क्योंकि आज की रात तुम्हारी ज़िन्दगी की आखरी रात होगी"

पत्र को पढ़ते ही जेकब के पैरों तले से जमीन खिसक गई। उसने फौरन अपनी जेब से एक यंत्र निकाला जिसमें एक बटन दबाते ही प्रकाश किरणें निकल कर मोबाइल की शक्ल बनाने लगी। मोबाइल की शक्ल पूरी होते ही उसने उसमें कुछ किया और जल्द ही किसी से बात करने लगा। उनके बीच की बातचीत थोड़ी लंबी चली और "10 मिनट में तुम्हारे केबिन आ रहा हूँ" - कहकर लाइन डिस्कनेक्ट कर दी गयी।

जेकब अब बेचैनी से अपने केबिन में टहलने लगा। वो इंतजार करने लगा उस शख्श का जिससे उसने अभी बात की थी। उसके चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती थी।

10 मिनट का वह इंतजार अब 2 घंटे में बदल गया था पर वह शख्श जेकब के केबिन में नहीं आया। जेकब ने कुछ सोचा और केबिन 3-8-A की ओर जाने लगा।

जेकब ने केबिन 3-8-A के विजिटर बेल को बजाया। पहली बार... दूसरी बार... तीसरी बार... चौथी बार... पांचवीं बार बेल बजने के बाद भी उस केबिन का दरवाजा नहीं खुला। जेकब कुछ देर किंकर्तव्यविमूढ़ सा वहीं खड़ा रहा और फिर वापस जाने को पलटा तो उसकी नज़र उसी ओर आ रही ट्रेन होस्टेस पर पड़ी।

उसने ट्रेन होस्टेस से बात की। ट्रेन होस्टेस ने भी 3 बार सर्विस बेल बजाई पर दरवाजा नहीं खुला। 5 बार विजिटर बेल और 3 बार सर्विस बेल के बाद भी दरवाजा नहीं खुलने पर ट्रेन हॉस्टेस ने अपने अधिकारी को इसकी सूचना दी। जल्द ही वहां ट्रेन कंडक्टर को बुलाया गया।

पूरे मामले को जानने के बाद उसने मास्टर पासवर्ड यूज़ करके केबिन 3-8-A का दरवाज़ा खोला। किसी अनहोनी की आशंका से वहां मौजूद उन चारों लोगों के चेहरे का रंग उड़ा हुआ था। दरवाजे के खुलते ही अंदर का दृश्य देख कर वहां मौजूद हर शख्श के पैरों तले से जमीन खिसक गई थी। ट्रेन होस्टेस वहां का दृश्य देखकर बेहोश हो गयी थी।

पूरे केबिन का फर्श खून से सना हुआ था। अंदर सारा सामान बिखरा पड़ा था, सीट पर एक 23-24 साल के नवयुवक की लाश पड़ी थी जिसका गला किसी धारदार हथियार से काटा गया था। दरवाजे के पीछे लगे शीशे पर खून से लिखा गया था - "एक... दो... तीन ... चार... तुम न माने तो किया मैंने वार..."

जेकब ने केबिन के अंदर जाना चाहा तो ट्रेन कण्डक्टर साइमन क्लार्क ने उसे रोक दिया और फौरन अपनी जेब से एक गैजेट निकाला और उसके एक बटन को दबाया। उस गैजेट से एक लाल रंग की प्रकाश किरण निकली जिसने पूरे कमरे को मानो स्कैन किया और फिर उस गैजेट में वापस लौट गई। इसके बाद उसने दुबारा एक बटन दबाया तो उस गैजेट ने स्कैन रिपोर्ट बताई - "यह मानव इतिहास की सबसे भयावह घटना है। इसे हत्या या कत्ल कहते हैं। पुरानी मानव सभ्यता में ऐसी घटनाएं होती थी। हमारे यहां पर यह पहला मामला है अतः नज़दीकी नागरिक सुरक्षा केंद्र में इसकी सूचना देने हेतु आपकी अनुमति की प्रतीक्षा है।"

जेकब ने पानी के छींटे मारकर ट्रेन होस्टेस को होश में लाया। तबतक ट्रेन कंडक्टर साइमन और होस्टेस अधिकारी बेंजामिन ने कुछ तय किया और फिर इस कत्ल की सूचना नजदीकी नागरिक सुरक्षा केंद्र को दे दी गयी जो कि के.एम एक्सप्रेस के अगले पड़ाव रुबियस सप्लाई बेस के सबसे पास का शहर रुबियस सिटी का इन्वेस्टिगेशन केंद्र था।


Prashant Khalkho

Hello, I am Prashant Khalkho, a young blogger from Jamshedpur. Currently I am working on few blogging niche like 'Christianity', 'Computer & Mobile Technology' and 'Indian Govt. Jobs'

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