ट्रेन में क़त्ल - भाग 2 | हिंदी साइंस फिक्शन सस्पेंस स्टोरी


 
 
हाईवे 28 पर वह काली कार काफी रफ्तार से दौड़ रही थी। ऐसा लग रहा था मानो कार का ड्राइवर या तो नशे में है या उसको जिंदगी से कोई लगाव नहीं है। जानलेवा तरीके से भारी वाहनों को ओवरटेक करते हुए और तेजी से हॉर्न बजाते हुए वह कार तेजी से आगे बढ़ रही थी। 15वें माइलस्टोन के पास से उस कार ने धूल का गुब्बार उड़ाते हुए एक तीखा मोड़ लिया और एक जर्जर सड़क पकड़कर उस कस्बे की ओर बढ़ने लगी जहां वह सड़क ले जाती थी। उस सड़क के पास एक बोर्ड लगा था जिसपर लिखा था - "रुबियस सिटी 5.8 किमी" और "रुबियस सप्लाई बेस 7.2 किमी"।

 

घनी आबादी से दूर एक शांत कस्बा थी रुबियस सिटी। दूर तक फैले हरे-भरे खेत और सड़क के किनारे लगी पेड़ों की पंक्तियां देखने वाले के मन को एक अलग सा सुकून पहुंचाती थी। कस्बे के मुख्य बाज़ार के अंतिम छोर पर इस शहर का सबसे मशहूर कॉफी शॉप था "रेचल एंड ग्रेसन" जहां के टेबल नम्बर 8 पर लगभग 25-28 साल का एक नौजवान गहरे खयालों में डूबा - सा बैठा था। सामने टेबल पर एक सैंडविच और एक कॉफी काफी देर से रखी हुई थी।


"बरखुर्दार! यूं गर्म कॉफी खरीदकर उसे ठंडी करने से तो अच्छा है कि तुम एक कोल्ड कॉफ़ी ही खरीद लेते..." - रोबीली आवाज़ वाले उस अधेड़ शख्श ने मजाकिया लहजे में टेबल नम्बर 8 पर बैठे नवयुवक से कहा। नवयुवक ने उनको आदर सहित बैठने का निमंत्रण दिया और वेटर को इशारा किया।


"लैंसलॉर्ड, आप बीच सिटी जाने वाले थे? कबतक जा रहे हैं?"- नवयुवक ने उस अधेड़ आदमी से जिसका वास्तविक नाम जॉर्ज केंट था, पूछा। जवाब में उसने उपेक्षा के भाव में अपने कंधे झटक दिए, कॉफी का एक बड़ा घूंट लिया और नवयुवक की आंखों में झांकते हुए कहा - "नहीं गोल्डस्टीन, मैं नहीं जा रहा बीच सिटी। मैंने तुम्हारी सिफारिश कर दी है। तुम अब इस काम को अंजाम दोगे।"


माइकल मर्फ़ी उर्फ़ गोल्डस्टीन ने अचरज भरी निगाहों से लैंसलॉर्ड को देखा।


"तुम आज ही के.एम एक्सप्रेस से बीच सिटी के लिए निकलोगे। चाहो तो हिडन एसेट को ले जा सकते हो। नाइटिंगेल सिटी से एरिया प्लानिंग एक्सपर्ट अपनी टीम के साथ आ रही है। हिडेन एसेट के पास तुम्हारा इन्फॉर्मेशन पैकेज है।" - लैंसलॉर्ड ने कहा और बिल भरते हुए निकल गया।


थोड़ी देर बाद रेचल उस टेबल पर आयी। उसने एक सूटकेस गोल्डस्टीन को दिया और टेबल पर रखे जूठे बर्तनों को उठाती हुई वहां से चली गयी। गोल्डस्टीन भी वो सूटकेस लेकर वहां से निकल गया।


"तुम आज भी उससे प्यार करती हो न?" - ग्रेसन ने रेचल से पूछा जो अपने में ही खोई हुई सी काम कर रही थी। उसने कोई जवाब नहीं दिया।

"तुम मिशन पर जाओगी?" - ग्रेसन ने दुबारा पूछा।

"यदि वो ले जायेगा तो जाना पड़ेगा। वो रैंक में मुझसे ऊपर है।" - रेचल ने शून्य में ताकते हुए कहा।


तभी... ब्रेक की कर्कश आवाज़ ने उनका ध्यान भंग किया। ग्रेसन ने फौरन दरवाजे की ओर दौड़ लगा दी। रेचल भी पीछे-पीछे आयी।


वो काली कार जो हाइवे 28 में दौड़ रही थी वो अब उनके कॉफी शॉप के बाहर खड़ी थी। उस कार ने उनकी दुकान के बाहर लगे एक गमले को रौंद दिया था। यह देखकर रेचल का पारा चढ़ने लगा था। तभी उस कार का दरवाजा खुला और उसमें से जो शख्श निकला उसे देखकर ग्रेसन के चेहरे पर आश्चर्य मिश्रित ख़ुशी तैर गयी। रेचल ने भी उसे देखकर पहले तो ख़ुशी जाहिर की पर जल्द ही गमले को याद करके गुस्से से भर गयी।


"बटरनट... तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे डहलिया के गमले को तोड़ने की?" - रेचल लगभग चीख पड़ी।

"प्यारी रेचल... गमले से तुम्हारा लगाव मैं जानती हूं इसलिए तुम्हारे लिए ये नया गमला... अब तो खुश हो न मेरी प्यारी मैडीमिशेल..." - बटरनट (क्रिस्टीन कपूर) ने मुस्कुराते हुए कहा।

"मुझे नफरत है इस नाम से।" - रेचल ने नर्म पड़ते हुए कहा।

"तुम शायद अबतक G41 को भूली नहीं हो। पर मैं तुम्हें बता दूं कि तुम अकेली नहीं हो जिसने उस हादसे में बड़ी कीमत चुकाई है। हमारी शान ही कुछ और हुआ करती थी और आज हम मामूली पुलिसकर्मियों के बीच मुंह छुपाकर जी रहे हैं।" - क्रिस्टीन ने उसके कंधों पर हाथ देते हुए कहा।


ग्रेसन तबतक कॉफी ले आया था।


"ओह... तुम्हारी ये कोल्ड कॉफी... लगता है कि सारी जिंदगी इसे यूं ही पीती रहूँ गैलेनहैड।" - क्रिस्टीन ने एक घूंट लेते हुए कहा और सब हंस पड़े।

"तो... क्रिस्टीन... आज अचानक रास्ता भटककर इधर कैसे आ गयी तुम। क्या थंडरड्राईल में अय्याशियों से मन भर गया तुम्हारा?" - ग्रेसन ने पूछा।

"रेचल... तुम्हें बीच सिटी जाना चाहिए माइकल के साथ। यदि वह तुम्हें नहीं ले जाना चाहे तो उसे मनाओ कैसे भी करके। यह हमारे लिए जरूरी है। G41 का राज बीच सिटी में दफन है। मैं वहां नहीं जा सकती हूं ये तुमलोग जानते हो। अगर जा सकती तो तुम्हें तकलीफ नहीं देती। देखो रेचल... मैं जानती हूं कि G41 के बारे में सुनना भी तुम्हें पसंद नहीं है पर हमारी समस्या ये नहीं है। ये तो उन समस्याओं की शुरुआती कड़ी है जो आगे आने वाले है। मैं थंडरड्राईल में अय्याशियों में डूबी हुई नहीं थी पर कुछ खोज रही थी जिसका जवाब बीच सिटी में मिलेगा।" - क्रिस्टीन ने रेचल की आंखों में झांकते हुए कहा।

"तो मुझे क्या करना होगा?" - रेचल ने पूछा। ग्रेसन उन दोनों को देख रहा था।

"तुम बीच सिटी जाओ और इधर मैं और ग्रेसन संभाल लेंगे। तुम्हें मैं बताती जाऊंगी कि क्या करना है।" - क्रिस्टीन ने कहा।


सबने अपनी अपनी कॉफी खत्म की और निकल पड़े अपनी मंजिल की ओर।

 

 

Prashant Khalkho

Hello, I am Prashant Khalkho, a young blogger from Jamshedpur. Currently I am working on few blogging niche like 'Christianity', 'Computer & Mobile Technology' and 'Indian Govt. Jobs'

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